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नवीन उत्पाद

1. शहद 

निरंकार Wild Honey 

पैसटीसाइड कैमिकल व परीजरवेटिव से पूर्णत: मुक्त 

1. जंगली शहद निरंकार हर्बस का ऐसा अदभुत प्रयास है जिसकी कल्पना आज के घोर कलियुग में करना स्वपन मात्र है। निरंकार शहद घने व गहरे जंगली फूलों से भरे उन दुर्गम पहाड़ों व जंगलों से एकत्रित किया जाता है जहाँ आज भी पुरातन आदिवासियों का शासन है। जंगलों में मौजूद ऐसी ऊँची ऊँची पहाडियां व चोटियाँ है जहाँ आम आदमी का पहुँचना ही असंभव है। वहाँ से आदिवासी समुदाय अपनी जान पर खेलकर निरंकार हर्बस के लिए शहद एकत्रित करते है। निरंकार हर्बस यही जंगली आदिवासियों द्धारा एकत्रित शुद्ध शहद पुरातन विधि से कपड़े द्धारा छानकर आप तक सीधा पहुँचा रहा है। जंगलों में स्वतंत्र घूमने वाली जंगली शहद की मक्खियाँ गुणों से भरी जंगली जड़ी बूटियों के फूलों से शहद इकट्ठा कर छत्तों में भर देती है। व यह जंगली फूलों का शहद खुशबू से तना महकता है कि शहद को सूंघने मात्र से मन प्रसन्न हो जाये। निरंकार शहद जंगलों का वह अनमोल खजाना है जिसे आ तक पहुँचाने में हमें बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ा है। हमारा दावा है आपकी उम्र चाहे कुछ भी हो आपने पहले अपनी जिंदगी में ऐसा शुद्ध जंगली शहद न खाया होगा और न ही जंगली फूलों की खास मनमोहक खुशबू को शहद में पहले महसूस किया होगा, और ज्यादा क्या कहें यदि आप शहद की शीशी का ढ़क्कन मात्र खोलकर कमरे में रख देवे  भिनी भिनी सी जंगली फूलों की सुगंध कमरे में महक उठेगी। इसे कुदरत का जादू न कहे तो क्या कहे हमारेद्धारा बताई शहद की गुणवत्ता को तो आप खाने के बाद ही प्राप्त कर पायेंगे। हमें पूर्ण विश्वास है कि आप जंगली शहद प्रयोग उपरान्त निरंकार हर्बस को हमेशा याद रखेंगे।

विशेष:- 

1. शहद को कभी भी गरम नहीं करना चाहिए। ऐसा आयुर्वेद में बहुत सख्त शब्दों में अंकित है पर फिर भी बाजारू शहद को 60 डिग्री से 80 डिग्री तक गरम करके Filter किया जाता है। जिसके कारण शहद में विषैले तत्व पैदा हो जाते है। निरंकार जंगली शहद Helthy Process से पूर्णत: मुक्त है।

 

2. निरंकार जंगली शहद पूर्णत: पैटीसाइड, कैमिकल  परीजरवेटिव से मुक्त है। क्योंकि असली शहद को किसी भी प्रकार के परीजरवेटिव की आवशयकता नहीं होती  असली शहद कभी खराब नहीं होता,जितना पुराना उतना अच्छा 

शुद्ध निरंकार जंगली शहद द्धारा रोगों का नाश:-  

1. शुद्ध शहद के नियमित प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता की अपार वृद्धि होती है व सेवन करने वाला सदा निरोग व स्वस्थ रहता है।

 

2. शुद्ध शहद में मोटे व्यक्ति को पतला करने का व पतले व्यक्ति को मोटा करने का दिव्य गुण होता है। दिन में 2 बार दो दो चम्मच गुनगुने दूध में मिलाकर पीने से वजन बढ़ता है व सुबह खाली पेट गुनगुने जल में दो चम्मच शहद व एक निम्बु का रस मिलाकर नित्य प्रयोग करने से  वचन घटता है।

 

3. शुद्ध शहद गले, नाक, छाती व फेफड़े सम्बंधित सभी रोगों में जादू सा काम करता है, खास तौर से शहद अदरक के रस में मिलाकर सेवन करने से खाँसी में विशेष लाभ पहुँचता है।

 

4. शुद्ध शहद की तासीर गुणगुने पानी में गरम होती है व ठंडे पानी में मिलाने से ठंडी हो जाती है।

 

5. यदि किसी भी जले हुए अंग पर शुद्ध शहद का तुरंत लेप कर दिया जाए तो तुरंत जलन भी समाप्त हो जाती है  जले का निशान भी नही पड़ता  यदि जले का निशान पुराना हो तब 1 दिन में 8 से 10 बार शहद का लेप महिनों तक करने पर निशान जाता रहता है।

 

6. शुद्ध शहद छोटे बच्चों को पोशक तत्व के रूप में  उनके शारीरिक  मस्तिष्क के विकास के लिए नियमित चटाना चाहिए। शहद ही है जिसे पैदा होने के बाद बच्चा सबसे पहले प्रयोग करता है। प्रत्येक व्यक्ति का पहला आहार शहद ही है।

 

7. शुद्ध शहद का प्रयोग बूढ़े व बुजर्गों को दो दो चम्मच दिन में दो बार दूध के साध अवश्य करना चाहिए इससे शारीरिक शक्ति तो बनी रहती ही है शरीर भी निरोग हो जाता है।

 

8. शुद्ध शहद के साथ निम्बू का निमित प्रयोग करने से पेट सम्बन्धित सभी रोग जाते रहते है।

 

9. लिकोरिया के लिए यदि आप निरंकार शहद के तीन चम्मच को  निरंकार आंवला चूर्ण 1 चम्मच मिलाकर एक बार खाली पेट  एक बार साम को चाटे यह दवा रामबाण की तरह अचूक है। 

 

 

10. सभी प्रकार के पुरूष रोगों को दूर करने के लिए व वीर्य को गाढ़ा करने के लिए व कामशक्ति वर्धन के लिए 500g.m निरंकार शहद में 250 g.m निरंकार आंवला चूर्ण मिलाकर व 250g.m गाए का घी मिलाए इसे सुबह खाली पेट दूध के साथ व शाम को मिश्री मिले दूध के साथ सेवन करें। एक सप्ताह के प्रयोग से ही जादू जैसा असर होगा।

 

11. यदि सम्भोग से 1 घंटा पहले शुद्ध शहद का फोहा भरकर नाभी में रखा जाए तो लिंगेन्द्रि को दृढ़ता मिलती है  वीर्य जल्द सखलित नहीं होता।

12. शुद्ध शहद में विटामिन बी की भरपूर मात्रा होने से यह तव्चा  रक्त सम्बन्धी सभी बीमारीयों में लाभप्रद है।

13. चर्म रोगों में खाने  लगाने में दोनों तरह शहद का प्रयोग किया जाता है।

 

14. शुद्ध शहद के तीन तीन चम्मच दिन में दो बार गुणगुने पानी में प्रयोग करने से रूके हुए मासिक धर्म में लाभ होता है।

 

15. गुर्दें व मसाने की पथरी को तोड़ने के लिए भी शुद्ध शहद का प्रयोग किया जाता है। 1 गिलास गुणगुनें जल में तीन चम्मच शुद्ध शहद का प्रयोग दिन में तीन बार करें।

 

नोट:- शुद्ध जंगली शहद बहुत कम मात्रा में ही जंगलों से प्राप्त हो पाता है, इसलिए यह जरूरी नहीं की 12 महीने हम शहद आपको उपलब्ध करवा पाए।